Trading - ट्रेडिंग क्या है ?
Stock Market में भाग लेने वाले लोग ज्यादातर दो तरह के होते है, जिनमे Investor यानी निवेशक और Trader यानी Trading करने वाले सामिल है।
Investor या निवेशक के बारे में तो हम जानते है, की जो व्यक्ति अपने पैसो को निवेश करता है, उसे निवेशक कहते है, इस लिए आज हम Stock Trading के बारे में जानेंगे।
Stock Trading के बारे में जानने से पहले हम जान लेते है की,
ट्रेडिंग क्या है ? (Trading kya hai ?)
Trading का सरल भाषा में अर्थ है, किसी वस्तु या सेवा को मुनाफा कमाने की आशा से खरीदना और बेचना।
यह एक तरह का व्यापार ही है।
जैसे आपकी Society में जो चाची सब्ज़ी बेचने आती है, वह भी सब्ज़ी की Trading करने का व्यापार ही करती है।
क्युकी वह बाज़ार से थोड़े कम दाम में सब्ज़ी ख़रीदकर लाती है और फिर उसे आपको थोड़े ज़्यादा दाम में बेच देती है।
इस से दो काम हो जाते है, Society के लोगो को घर पर ही सब्ज़ीया मिल जाती है, और उस चाची की थोड़ी कमाई हो जाती है।
अगर हम अपने आस पास देखें तो ज्यादातर व्यापार Trading के व्यापार ही है।
जैसे वो किराने की दुकान वाले चाचा जहा से आप किराना खरीदते है।
या वो Medical Store वाले भैया जहा से आप कोई दवाई खरीदते है और ऐसे सभी लोग किसी न किसी वस्तु की Trading करने का व्यापार ही करते है।
तो अब हमें पता चल गया की Trading क्या होती है। हम जानते है, की
स्टॉक ट्रेडिंग का मतलब क्या है ?
Stock market में Trading का मतलब है, मुनाफा कमाने की आशा से की जाने वाली Stock यानी Share की खरीद बिक्री।
जैसे किसी कंपनी के शेयर को ख़रीदा और फिर कुछ समय बाद उसका दाम बढ़ जाने पर बेच दिया।
यह समय कुछ मिनटों से लेकर कुछ हफ्तों तक का भी हो सकता है।
जी हा कुछ मिनटों में भी Stock Market में शेयर की खरीद और बिक्री संभव है।
क्युकी दिन भर शेयर बाजार में Trade की जाने वाली कंपनीओ के बारे में अच्छी - बुरी खबरे आती ही रहती है।
जिस से शेयर बाजार में उन कंपनीओ के शेयरो के दाम हर एक सेकंड में भी कई बार बदलते रहते है।
इस का लाभ उठाकर कई लोग मिनटों में भी शेयरो की खरीद बिक्री कर लेते है।
लेकिन यह खरीद बिक्री इतनी जल्दी से होने से इस तरह की खरीद बिक्री में लाभ जैसे मिनटों में हो सकता है, वैसे ही नुकसान भी मिनटों में ही हो सकता है।
इसी वजह से इस तरह की Trading काफी जोखिम भरी मानी जाती है।
इसके अलावा भी Stock Trading के कुछ प्रकार है, तो आइए जानते है, की
शेयर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ?
Trader कितने समय के लिए शेयर अपने पास रखते है, उस पर से शेयर ट्रेडिंग या Stock Trading के मुख्य तीन प्रकार कह सकते है :
Intraday Trading,
Positional Trading और
Short Term Trading या Swing Trading
1. Intraday Trading (एक दिवसीय ट्रेडिंग) :
Share की Trading करने वाला कोई Trader अगर एक ही दिन में शेयर की खरीद और बिक्री दोनों ही कर लेता है, तो उस Trading को एकदिवसीय या फिर Intraday Trading कहते है।
भारत के शेयर बाजार सुबह 9:15 से लेकर दोपहर को 3:30 तक चालू रहते है।
अगर इन दोनों के बिच के समय में किसी शेयर को खरीदकर फिर बेच दिया जाए तो वह Intraday Trading हो जाएगी।
ऊपर जो हमने मिनटों में की जाने वाली Trading के बारे में बात की वह भी Intraday Trading ही है।
एक Intraday Trader का लक्ष्य बाजार में आने वाली अच्छी - बुरी खबरों से शेयर में आने वाले Quick Movements का लाभ उठाना होता है।
जिस से वह कम समय में ही मुनाफा कमा सके। Trade meaning in Hindi
लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है, की वह मुनाफा ही कमाए उसे नुकसान भी हो सकता है।
बल्कि Intraday Trading में कुछ गिने चुने सफल Traders को छोड़ कर ज्यादातर लोगो को नुकसान ही होता है।
इसी वजह से Intraday Trading में सफल होना बहुत ही मुश्किल काम है।
हलाकि उन सफल Traders को भी नुकसान तो होता ही है, लेकिन उनका मुनाफा उनके नुकसान की तुलना में बहुत ज्यादा होता है।
जिस से सब कुछ मिलाकर तो ज्यादातर संजोगो में उन्हें मुनाफा ही मिलता है।
लेकिन ज्यादातर लोगो के साथ ऐसा नहीं होता।
जिस से बहुत कम लोग ही सफल Intraday Trader बन पाते है।
इस ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपको आपने जमा किए पैसे से 10 से 20 गुना राशि के शेयर खरीद - बेच करने की सुविधा देता है।
यानी अगर आपने 10 हजार रुपए जमा किए है तो आप 1 लाख से 2 लाख तक की खरीद बिक्री भी कर सकते है।
2. Positional Trading (पोज़िशनल ट्रेडिंग) :
Stock Trading का दूसरा प्रकार है, Positional Trading.
अगर कोई Trader एक दिन में कोई शेयर ख़रीदे और फिर उसे उसी दिन बेचने के बदले 1 दिन से एक सप्ताह तक बेचे तो उसे Positional Trading कहते है।
ऐसा करने के लिए उस Trader को उस शेयर की Delivery लेनी पड़ती है।
जिसके लिए उसे जितने शेयर जिस दाम में ख़रीदे है, उसकी पूरी राशि Broker को चुकानी पड़ती है।
उसके दो दिन में उसके Demat Account में वह शेयर आ जाता है।
फिर वह जब चाहे तब उस शेयर को बेचकर अपना पैसा जुटा सकता है।
(Demat Account के बारे में हम आगे जानेंगे।)
हलाकि इस तरह की Trading में Intraday से कम जोखिम होता है, लेकिन इसमें Overnight Risk तो होता ही है।
कई बार बंध बाज़ार में किसी अच्छी या बुरी खबर की वजह से अगले दिन पूरा बाज़ार या फिर कुछ शेयर बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा निचे खुलते है।
इस से जुड़े जोखिम को Overnight Risk कहते है। Trade meaning in Hindi
यह Risk Intraday Trading करने पर नहीं होता क्युकी Intraday Trading में शेयर की Delivery लेने की जरुरत नहीं होती।
3. Short Term or Swing Trading (शोर्ट टर्म या स्विंग ट्रेडिंग):
तीसरी तरह की Stock Trading है, Short Term Trading.
अगर कोई Trader ख़रीदे गए शेयर को 1 सप्ताह से लेकर 4 सप्ताह तक रखता है, और फिर बेचता है, तो उसे Short Term Trading कहते है।
इस Trading में एक Trader का लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना होता है।
इसी वजह से इस Trading को Swing Trading भी कहा जाता है।
Swing Trading में भी Overnight Risk तो रहता ही है, लेकिन Intraday Trading से तो इस तरह की Trading में जोखीम कम रहता है।
अब हम Trading के तीन प्रकार के बारे में तो जान चुके है, लेकिन अब जानते है, की Stock Trading कैसे शुरू की जा सकती है?
Stock Trading करने के लिए आपको तीन तरह के Account की जरुरत होती है :
Trading Account,
Demat Account
Bank Account
1-Trading Account क्या है ?
अपने नाम के अनुसार ही Trading Account वह Account है, जिस के द्वारा हम अपने लिए शेयर की खरीद बिक्री कर सकते है।
इसके जरिए ही हम अपनी खरीद या बिक्री का Order, Stock Exchange तक भेज सकते है।
इस लिए चाहे आप निवेशक हो या Trader आपको Trading Account तो खुलवाना ही पड़ता है।
Trading Account में खरीद बिक्री के आलावा खरीद बिक्री के लिए पैसा भी जमा कर सकते और निकाल सकते है।
जितनी राशि के शेयर आपको खरीदने है उतनी राशि आपको अपने Trading Account में जमा करवानी पड़ेगी।
फिर आप उस शेयर को खरीदने का Order रख सकते है।
आपके द्वारा रखा गया यह Order, Stock Exchange (जैसे NSE और BSE) पर जाता है।
जहा पर बाकि सभी लोगो के Orders भी आते है।
जब आपके Order के अनुसार शेयर Stock Exchange पर बिकने के लिए होंगे तब आपको वह शेयर मिल जाएंगे।
और उतना पैसा आपके Trading Account में से काट लिया जाएगा।
इस तरह यह Trading Account शेयर की खरीद और बिक्री करने का एक माध्यम है।
2- Demat Account क्या है ?
Trading Account के साथ ही खुलवाया जाने वाला Demat Account एक Storage की तरह होता है।
जिसमे Dematerialized स्वरुप में आपके द्वारा ख़रीदे गए शेयर और अन्य Securities को जमा किया जाता है।
Dematerialized स्वरुप का मतलब वैसा ही स्वरुप जैसे आपके बैंक खाते में आपका पैसा होता है।
यह Demat खाता आपके Trading खाते के साथ लिंक होता है।
इस लिए जब भी आप किसी शेयर को खरीदते है, तो उसके दो दिन में आपका ख़रीदा हुआ वह शेयर आपके Demat Account में जमा हो जाता है।
फिर आप जितना समय उस शेयर को रखना चाहते है, उतना समय रख सकते है।
जब भी आप अपने Trading खाते द्वारा उस शेयर को बेचते है, तब वह शेयर आपके Demat खाते से निकल जाता है।
और बेचे हुए शेयर के बदले में आई हुई राशि आपके Trading Account में जमा कर दी जाती है।
तीसरे तरह का खाता है,
3- Bank Account :
शेयर की खरीद बिक्री के लिए आपको Trading खाते में पैसा जमा करना पड़ता है, जिसके लिए आपको अपना एक Bank Account भी लिंक करवाना पड़ेगा।
जिस से जब कभी आपको पैसो की जरुरत हो तो आप अपने Trading Account में से अपने Bank Account में पैसा Transfer करवा सके।
आप अपना कोई पुराना Bank Account भी लिंक करवा सकते है, इसके लिए अलग Bank Account जरुरी नहीं है।
इसके आलावा अगर आप किसी Share के Dividend के हक़दार बनेंगे तो वह राशि भी आपके इसी Bank Account में जमा की जाएगी।
इनमे से Trading और Demat Account तो आप किसी अच्छे Stock Broker के पास खुलवा सकते है।
अब जानते है की ,
स्टॉक ब्रोकर का मतलब क्या है ?
Stock Broker ही Stock Exchange के साथ Trader या Investor को जोड़ने का काम करता है।
यह हमारे और Stock Exchange के बिच की एक कड़ी की तरह काम करता है।
Stock Broker भी दो प्रकार के होते है : Regular या Full Service Broker और Discount Broker
1. Regular या Full Service Broker :
सालो पहले सिर्फ इसी तरह के Stock Broker हुआ करते थे।
इस तरह के Broker हमारा Trading और Demat Account खोलने के साथ ही वह हमें कई सुविधाए देता हैं,
इन सुविधाओं में
Online Trading का Platform देना ,
Call कर के Trading करने की सुविधा देना,
निवेश और Trading की सलाह देना,
रोज़ Contract Note भेज देना
समय समय पर हमारे खाते का विवरण देना आदि।
इन सुविधाओं के बदलेमे वह हम से हमारी हर Trading पर एक निश्चित % का Brokerage Charge करता है।
यह % अलग अलग Broker के लिए अलग अलग होता है।
मगर सामान्य रूप से वह 1 % से 2 % तक का होता है।
अगर बड़ी मात्रा में खरीद बिक्री की जाए तो यह 1 % भी अच्छी खासी राशि हो जाती है।
हलाकी वो जो सुविधाए देते है उनके लिए उन्हें कुछ खर्च करने पड़ते है,
लेकिन सिर्फ एक ही तरह के ब्रोकर उपलब्ध होने की वजह से इनके पास ही Account खुलवाना पड़ता था।
मगर अब ऐसा नहीं है, अब Discount Broker आ गए है।
2. Discount Broker :
Discount Broker जैसे वह Broker जो अपने Client से बहुत ही कम Brokerage ले कर Trading करने की सुविधा देता है।
यह Brokerage Full Service Broker के Brokerage से तो बहुत कम ही होता है।
ऐसा वह इस लिए कर पाता है, क्युकी वह सभी सुविधाए देने के बदले सिर्फ Trading के लिए जरुरी सुविधाए ही देता है।
और बाकि की सुविधाओं में से कुछ तो देता ही नहीं और कुछ के लिए एक अलग Charge रखता है।
जिस से जिन लोगो को उनकी जरुरत हो उन्ही को उस सुविधा के पैसे देने पड़े।
और जो व्यक्ति खुद के ज्ञान और अनुभव के आधार पर खुद से ही Trading करना चाहता हो, उसे ज्यादा Brokerage देना न पड़े।
इस लिए पिछले कुछ सालो में ज्यादा से ज्यादा लोग Discount Broker के पास अपना खाता खुलवाते है।
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